शनिवार, 28 अगस्त 2010

खासा खरा खयाल...

खासा खरा खयाल...
ब्रह्माण्ड में भटके
घर में बडे अटके...."प्यास"

Khasa, khara, khayaal
Brhmand me bhatake
Ghar me bade atake..."Pyas"
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परम प्यारा पैगाम
मृत्यु का मान करो
दुखो को अंजान करो...."प्यास"

Param Pyara Paigaam
Mrutyu ka maan karo
Dukho ko anjaan karo
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सहज सुदंर सत्य
जीवन छोड कर जिये
जीवन भर भर जिये....."प्यास"

Sahaj Sunder Saty
Jivan chhod ker jiye
Jivan bhar bhar jiye

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इश्क से जो बेखबर है
उसकी कभी न खैर है...."प्यास"

Ishk se jo bekhabar hai
Uski kabhi na khair hai
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वो आये जो मेरे आगन
झुम उठा जीवन गगन
मन प्रीत गीत रच रच
गीत गुनगुनाये गुन गुन
बिखर इधर उधर, लगाये
प्रीत की अनन्त अगन...."प्यास"

Wo aaye jo mere aangan
Jhoom utha jivan gagan
Man preet geet rach rach
Geet gungunaye gun gun
Bekhar idher udher, lagaye
Preet ki anant agan......."Pyas"
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लुटाया सो ही पाईया
संजोया सो गवायीया...."प्यास"

Lutaya so hi paaiya
Sanjoya so gwayiya..."Pyas"
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अपार मायावी ब्रह्माण्ड के घट हो
क्यो करते, पृथ्वी उलट पुलट हो

विषय प्यास का विष बडा व्यापक
क्यो सुदंर घर के लिये मरघट हो...."प्यास"

Apaar mayawi brhmand ke ghat ho
Kyo karte, pruthwi ulat pulat ho

Vishay pyas ka vish bada vyapak
Kyo sunder ghar ke liye marghat ho
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मेरी जिन्दगी दुआओ के गहनो से गहन है
मेरे आसपास जो मेरी प्यारी न्यारी बहन है...."प्यास"

Meri jindagi duaao ke gahano se gahan hai
Mere aaspaas jo meri pyari nyari bahan hai
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यादों से याराना है
यार का नजराना है....."प्यास"

Yadon se yaraanaa hai
Yaar ka najaraana hai
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अरविन्द व्यास "प्यास"

शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

सरल सहज संभव सत्य...

जिन्दगी दुसरो के लिये क्यो तरसे..
खुद पर ही, घनघोर क्यो न बरसे..."प्यास"

पल पालता है और पल ढालता है
पल का पलायन, पल उबालता है ..."प्यास"

सुलझे भी बडे उलझे
ज्ञान ज्योत जो बुझे...."प्यास"

मैं बहुत हुआ कठीन था
जो वह क्षीण क्षीण था...."प्यास"

बुद्धी बडी ही बहतर होती
जो तबीयत बदतर होती...."प्यास"

कुछ समझने का गुण सिखाते
बीज से पहले कुछ पेड उगाते....."प्यास"

शनिवार, 14 अगस्त 2010

जय हिंद ...कुछ सुझाव

८वा परम सुझाव
पिता पालक साथ सही गुरु हो
पुत्र हमैशा शिष्य सा रुबरू हो....."प्यास"

७वा परम सुझाव
बुढापा हमैसा आदरणिय हो
हर सुझाव हो, हर निर्णय हो...."प्यास"

६ वा परम सुझाव
हर कोई हमैसा शिष्य रहे
देश का सुदंर भवि्ष्य रहे...."प्यास"

पांचवा परम सुझाव
नारी देवी हो, नारी न दबी दबी हो
ममता हो तो देश की महान छबी हो....."प्यास"

एक और परम सुझाव
घर के साथ साथ पडोस की सफाई रहे
बेडागर्क होने को कभी न कोई खाई रहे....."प्यास"

एक परम सुझाव...जय हिन्द
हर जो स्वयम का आलोचक हो
देश की हर स्तिथी चकाचक हो....."प्यास"

देश को सहज महान करे हम,,,देश वासीयो को जान करे हम...

सबका बढने का एक ही तरीका है
दुसरो को बढाना, सही सलीका है....."प्यास"
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पहले बने महान हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

सब सही सही करे हम
बस सच सच बोले हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

एक दूजे का मान करे हम
सब को प्रीत प्रदान करे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

आबादी बढत रोके हम
बेरोजगार न रहे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

भूख, गरीबी भगाए हम
गंदगी बस मिटाएँ हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

कुछ ऐसा काम करे हम
देश को महान करे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

महमानो को लुभाये हम
विषय "प्यास" न रखे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

HAPPY INDEPENDENCE DAY

पहले बने महान हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

सब सही सही करे हम
बस सच सच बोले हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

एक दूजे का मान करे हम
सब को प्रीत प्रदान करे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

आबादी बढत रोके हम
बेरोजगार न रहे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

भूख, गरीबी भगाए हम
गंदगी बस मिटाएँ हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

कुछ ऐसा काम करे हम
देश को महान करे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

महमानो को लुभाये हम
विषय "प्यास" न रखे हम
जी फिर, बोले वंदेमातरम

सोमवार, 9 अगस्त 2010

मौत को मस्त हो हो मौत देना है

मौत को मस्त हो हो, मौत देना है
जिन्दगी को जीने का सबूत देना है...."प्यास

Mout ko mast ho ho, mout dena hai
Jinadagi ko jine ka saboot dena hai

समझा बुझा सीमायें, हुई सीमायें तगडी
अब सुन्दर सुन्दर लागे, हर सर पगडी....."प्यास"

Samjha bhujha seemaye, huyi seemaye tagadi...
Ab sunder sunder laage, her ser pagadi.............."Pyas"

लगा सीमा, सीमायें बिगडी
तुनक तुनक, हो गई तगडी ....अरविन्द व्यास "प्यास"

Laga seema, seemaye bigadi
tunak tunak, ho gayi tagadi...."Pyas"


झुठ को निभाया जो
सत्य समझ आया तो....."प्यास"

Jooth ko nibhaya jo
Satya samjh me aaya to

Arvind Vyas "Pyas"

शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

गुरु कबीरा को प्रणाम...

तुझ पर जो तेरा हक है....
बता तो कहां कहां तक है ...."प्यास"....
Tujh per jo tera hak hai....
Bata to kha kha tak hai....."Pyas"....

हर के अंदर गुरु पले....
संसार सही सही चले...."प्यास"....
Her ke ander guru pale...
Sansaar sahi sahi chale...."Pyas" ...

इश्क की किस्मत तो देखो....
जान लेती जन्नत तो देखो....."प्यास"...
Ishk ki kismat to dekho....
Jaan leti jan'nat to dekho...."Pyas"

जंगली जवानी का, जबरदस्त जोश है....
खासी खेरियत है, गर खराबी खामोश है ...."प्यास"
Jangali jawaani ka, jabardast josh hai...
Khasi kheriyat hai, ger kharabi khamosh hai..."Pyas"

जवानी का, जबरदस्त जोश है....
खासी खेरियत है, गर बाहोश है ...."प्यास"


जवानी लुटा कर, बुढापे से डर लागे....
जवानी जुटा कर, बुढापा सुदंर लागे...."प्यास"
Jawaani luta ker. budhaape se der lage...
Jawaani juta ker, budhapa sunder laage...."Pyas

गुरुवार, 5 अगस्त 2010

तेरी जवानी बनाये है, क्या क्या कहानी...
पर मेरे लिये, दिल सभाल, दिलवर जानी....."प्यास"
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दिल की चले जन्मो जन्मो कहानी....
जवानी कुछ दिनो की दिलवर जानी...."प्यास"
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माया मय मस्ती की पाठशाला...
निती ज्ञान लेलो प्यारा निराला....
प्यास परम हो, बुद्धी न कम हो....
बनालो बुद्धी का ढाल व भाला....."प्यास".....


सब अपने स्वार्थ तीर, सीधो पर साधे......
जीवन सही ना सधेगा, बन सीधे साधे...."प्यास"
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दोस्ती दुरुस्त है, जीवन तन्द्रुस्त है....
दोस्ती सुस्त है, जीवन कहां चुस्त है..."प्यास".....

प्रीत है, आदर है, भक्ति है.....
महकती चहकती दोस्ती है...."प्यास".............
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तेरी जवानी बनाये है, क्या क्या कहानी...
पर मेरे लिये, दिल सभाल, दिलवर जानी....."प्यास"

दिल की चले जन्मो जन्मो कहानी....
जवानी कुछ दिनो की दिलवर जानी...."प्यास"
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क्यो कर्म करना, तेरी गलत दिक्कत में है......
समझ ले, सीर्फ कर्म करना, किस्मत में है...."प्यास"

कबीरा जग मीठा, जो सब सक्कर होये,,,,
गर तकरार जो टले, तो क्यो टक्कर होये......अरविन्द व्यास "प्यास"
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तेरे इश्क में छोड दू दुनिया....
क्या मुझे छोड देगी दुनिया.....

अब हर स्थिती में जीना है....
बस तू ही तो, मेरी दुनिया...."प्यास"
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जातीवाद बस है जंगल की भाषा....
मानव क्यो रखे जंगली सी आशा.....अरविन्द व्यास "प्यास"

प्रीत रति रीत है,,,,,
दोनो की जीत है...."प्यास"

इश्क में कहां होती तडपन है.....
अगर है, तो गलत धडकन है.....अरविन्द व्यास "प्यास"

Preet ka nirmal man hai...
usme basta bhagwan hai...Pyas

सोचने का अहम सच है.....
कहीं संकोच, सचमुच है.....अरविन्द व्यास "प्यास"

भारी, भय भर भर तरा....
खाक को काहे का खतरा ...अरविन्द व्यास "प्यास"
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सच सबके अंदर नंगा है ,,,,,
कपड़ा पहने, बड़ा बेढंगा है .... अरविन्द व्यास "प्यास"
.Her Hari,,, Harka Hari...."Pyas"

क्यों ढूढुं उसे, जो दिल में है.....
जीवन की हर मंजिल में है....."प्यास" ,,,,


क्यों ढूढुं उसे, जो दिल में है ....
जीवन की हर मंजिल में है .....
विषय वजूद है, बडी कस्मकस है.....
उसका क्या करे, जो दिल मे है.....अरविन्द व्यास "प्यास"

एक कोने, इश्क की बह रही हवा है.....
चारों तरफ फैली, धुआं ही धुआं है ....अरविन्द व्यास "प्यास" ....

वापसी का असल आशिक न सोचे ,,,,,,
भागने का नकल आशिक न सोचे ........."प्यास"
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इश्क करे है और जताये नहीं
इतनी बड़ी चोट, बताये नहीं ....अरविन्द व्यास "प्यास"

असल इश्क का कहाँ दीखता मंजर है ,,,,,
बड़ी गहराई है, सब बस अंदर अंदर है ....अरविन्द व्यास "प्यास"

जीवन सच्चे, झूठे वादों का ना होता...
सिलसिला कभी, यादों का ना होता..."प्यास"

जाओगे तो बाद यादों मे आओगे,,,
किसी भी तरह, जीवन मे आओगे.....अरविंद व्यास "प्यास

बिन तेरे, न जीना बेहतर , न मरना बेहतर ....
यह बता दे जालिम, तू क्यों है इतनी बेहतर ....अरविन्द व्यास "प्यास"
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प्रेम परम ढाई अक्षर शब्द ,,,
न समा सके कोई अपशब्द ,,,,"प्यास"

Isk hai to jivan me dam hai.....
nahi to khud ka matam hai...."pyas"

प्रेम पवित्र ढाई अक्षर शब्द ,,,
न समा सके कोई अपशब्द ,,,,"प्यास"

इश्क है तो पल पल इश्क जताओ,,,,,
बात बात में बस इश्क बताओ ,,,,"प्यास"

इश्क कभी, नकाब नहीं रखता ,,,,,,
हुस्न वाला, रकीब नहीं रखता....."प्यास"

ये प्रभु बस इतनी दया कर दे,,,,
सुकर्म करादे या मुर्दा कर दे ...."प्यास"

ज़िदगी मे जो सही लत है,,,
वही बस सही सही दौलत है....अरविंद व्यास "प्यास"
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हर मकान में कोने होते है....
कितने किस्से रोने होते है ....अरविन्द व्यास "प्यास"

मकानों की दीवारों के, कान होते है,,,,,
येसे सोचने वाले, कहीं बेईमान होते है ,,,अरविन्द व्यास "प्यास"

मकानों की दीवारों के, कान होते है
येसे सोचने वाले, कहीं बेईमान होते है ,,,प्यास
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मन में मुस्कराहट का आवास है...
आ रही है, किसीकी खुसबू खास है ,,,,प्यास

इस जहाँ में जख्मी होना बहुत ही जरूरी है.....
नहीं तो मुलायम जालिम जिंदगी अधूरी है ....प्यास

जो जाने, जिंदगी मजदूरी , मजबूरी है
अब जिंदगी में, खुशियों की न दूरी है .... प्यास

जब भी दुख आया, खुशियों के आंसुओ से बहा दिया मेने,,,,
हर प्यास को ग्यान की गंगा से गुरु कबीरा बहा दिया तेने,,,, प्यास
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जाती वर्ण कुल पर नहीं निर्भर ...
होते है, कर्म, चरित्र, बुद्धि, बल पर...

यही मिलेगा, यहाँ वहां इधर उधर ...
देश, राज्य, दफ्तर, व्यवसाय, घर घर ...

तुम ने देखा, ज्यातर लोग आज भी...
कैसे मिलते है, फकीर से, गरीब से, ...

माफिया से, नेता से, अभीनेता से, ...
भंगी से , मजदुर से , मजबूर से, ...

सेनिक से, सिपाही से, शिक्षक से, ...
अब यह फर्क तो सभी करते है,...

यही तो जाती वर्ण
हम ही सब बयाँ ओर अयाँ करते है ...

यह प्राकुर्तीक है, यह सब व्यावहारिक है ...
इसीलिए तो मानो, वेद कितने ठीक है ...

वेद ज्ञान को स्वार्थ ले तोडा गया जम कर...
यही फैला गये प्यास में लिपटे लिपटे महतर ...
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मै तो मानू, ...
हर बुद्धिमान बहतर....
और हर दुर्बुद्धि महतर ....
बीच वाले होते .....
साधारण हटकर "अधिकतर" ....

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जो बिगडा है, वही उजडा है,,,,
प्यास प्रकोप, बडा बडा है

अरविन्द व्यास "प्यास"

माँ तो महान,,
देती ममता दान,,,,
देती जन्म जन्म,,,
साथ खुद का बलिदान...


जीवन तू ले इतना जान,,,
जीवन तू जीवन ले जान,,,

पानी से बस प्रीत करले,,,,
प्यास का उन्मान जान ....

अरविन्द व्यास "प्यास"
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वह बुद्धिजीवी है, मदमस्त कवि है /

कुत्तो को हड्डी डालना आता है…
पर कुत्तो से उसका क्या नाता है /

हवस, बहस, तहस नहस को छोड…
वह तो सकल प्रीत गीत गाता है /

मानव मन मन, महान मनमाने…
मन मन मानवता मर्म महकाता है /

पांच पांच प्रेतो से प्रीत ना पनपे…
प्यारो को प्यास पछाड समझाता है /

अरविन्द व्यास "प्यास"
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ज्ञान से बड़ा दोस्त न कोई…
इससे बड़ी सौगात न कोई…

सुन्दरता इज्जत ले जाये…
बल क्रोध दिक्कत दे जाये…
दोलत चिंता चित्त दे जाये…
सभी घमंड आदत दे जाये…

ज्ञान से कभी घात न कोई…
ज्ञानी से बड़ी जात न कोई…।

ज्ञान से बड़ा दोस्त न कोई
इससे बड़ी सौगात न कोई

हर हरि इच्छा
प्रथम योग, ज्ञान योग
जीवन देगा इसका भोग

अरविन्द व्यास "प्यास"
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कभी बूंदों बूंदों में,मिलती है .
कभी धारा प्रवाह लिये बहती है ..

खुश होता है तन का हर पौधा.
मेरे मन में वह बारिश रहती है ..

कभी प्रीत रीत,लिये बहती है .
कभी आदर, भक्ति लिये पलती है ..

मुश्कान जमी हर फूल, कली पर..
मेरे घर में वह बारिश रहती है ...

हर युवा यहां नियम से नाहता है ..
हर युवा यहां सय्यम चाहता है ...

हर गली हर डगर महकती है ..
मेरे शहर में वह बारिश रहती है ...

खुन की नदिया कहीं न बहती है ..
इस बारिश में प्यास न रहती है ..

अरविन्द व्यास "प्यास"
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आडे अपनी अडचन आई
दूसरों कों, काहें दो दुहाई

पवित्र प्रीत भई बद बटवारा
प्यास ज्यों ज्यों बनी लुगाई

की शहर सफाई, अंदर जमाई
महतर कहें, चालाकी, चतुराई

अरविन्द व्यास "प्यास"
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जमी पर खड़ा हूँ, तो ही अम्बर पता है,,,
दुखो से लड़ा हूँ, सुखो का अम्बार पता है,,,,

एतराज, इनकार पर इतना एतबार नहीं,,,,
खुद का, खुदा का बस एतबार पता है'''

अरविन्द व्यास "प्यास
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कट गये कितने, हरे हरे बरगद हमसे
इससे बदतर न हों सकेगी दुर्गत हमसे

न जिंदगी जताए, न ही मौत मनाये
इससे बहतर न होगी, खिदमत हमसे

अरविन्द व्यास "प्यास"

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मुश्किल मुमकीन लगा,,,
जब रहा जमीर, जगा,,,,

नुक़सान का नक्स दिखा,,,
"प्यास" तो दे है, दगा,,,,

अरविन्द व्यास "प्यास"
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हर पहर पर पराया पहरा है,,,
अब हर पहर घर घर बहरा है,,,

प्यास में पाल पाल, पल पल,,,
कैसा लिपता पोता, चेहरा है,,,,,

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नववर्ष की शुभकामनाएं

हे खुदा, नया साल पिछले साल सा न गुज़रे
महगाई, भ्रस्टाचार, लूटमार से जीवन न गुजरे
कुछ तो हो, कहीं तो हो, चंगा चंगा चरित्र चलन
हर खुशियों से गुजरे, गम इसी गम से गुजरे

अरविन्द व्यास "प्यास"
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अब की जिन्दगी में जो बाढ है
तब की तबियती जिन्दगी आड है

अब की जिंदगी बस जो आड़ है
तब की जिंदगी हों जाती पहाड़ है

किसे कहाँ , किसे वहाँ ले जाओगे
"प्यास" में न रूह, बस मास हाड है

अरविन्द व्यास "प्यास"
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जो थामने वाले की सोचे, थम जाते है ...
गीरने पड़ने से, ज्यादा सीतम पाते है....

जुड़ना और छाती चोडी चोडी करना ...
सकरी गली में जोरो का जख्म पाते है ....

पानी पास रख, दरिया से दूर रह रह ....
"प्यास" को वह सहज हजम कर जाते है ....

अरविन्द व्यास "प्यास"


शूभ्र शुभ शुभ दिन, चैन पल पल आधीन
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मायामयी मस्ती की पाठशाला
ज्ञान ले ही लो प्यारा निराला
"प्यास" परम हो, पर न हो,
यू ही मधहोश करती, मधुशाला
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रश्मि की रश्म है
जीस दिन जन्म है

क्यों खलल डालते हो
"प्यास" में, ढालते हो

प्रकृति का यह रहम है
प्रभु का, बस करम है

रश्मि की रश्म है
जीस दिन जन्म है
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शूभ्र शुभ शुभ दिन, चैन पल पल आधीन


इस दिवाली यह गुंजन हो
प्रभु उज्ज्वलित आगन हो

हर सोच में रोशनदान हो
ग्यान, धनधान्य महमान हो

जीवन सहज, सरल, आसान हो
इन रोशनी से घर रोशन हो

अरविन्द व्यास "प्यास"

बिन तेरे, न जीना बेहतर , न मरना बेहतर ....

बिन तेरे, न जीना बेहतर , न मरना बेहतर ....
यह बता दे जालिम, तू क्यों है इतनी बेहतर ....अरविन्द व्यास "प्यास"

आ भी जाओ के बस कुछ जवानी बाकी है
कुदरत की एक नायाब हसीन कहानी बाकी है ..."प्यास"

जाओगे तो बाद यादों मे आओगे,,,
किसी भी तरह, जीवन मे आओगे.....अरविंद व्यास "प्यास

वापसी का असल आशिक न सोचे
भागने का नकल आशिक न सोचे ...."प्यास"

हर आई डाल सूखे है और टूटे है
यह बोल, क्यों किसी को लूटे है........."प्यास"

इश्क करे है और जताये नहीं
इतनी बड़ी चोट, बताये नहीं ....अरविन्द व्यास "प्यास"

असल इश्क का कहाँ दीखता मंजर है
बड़ी गहराई है, सब बस अंदर अंदर है ....अरविन्द व्यास "प्यास"

जीवन सच्चे, झूठे वादों का ना होता...
सिलसिला कभी, यादों का ना होता..."प्यास"