सोमवार, 3 जनवरी 2011

बीज को चाहिये तावीज, तब ही उगे है बीज

बीज को चाहिये तावीज, तब ही उगे है बीज
उग जाये, असल बीज है
न उगे , खुदा हाफिज है
बीज को जो ताड बनाये,
वही देता येसा ताविज है...."प्यास"

दुख हमेशा द्स्यु सा, परम सुख मृत्यु सा.
जिन्दगी निराशायें देते देते मृत्यु दे गई
समस्त निराशाको का अंत मृत्यु दे गई...."प्यास"


करले कबूल, बबूल
भूल फूल, चुनले सूल
करले मूल प्रीत कबुल...."प्यास"

बाग नशीले फूल दे, जंगल जीवन मूल दे
मना जगंल में, मगंल
बागो में भयंकर दंगल...."प्यास"


मुझे लगे वह खास सी दुनिया
किसी के मन में, आवास की दुनिया
किसी के प्रीत के आभास की दुनिया...."प्यास"