गुरुवार, 7 जुलाई 2011

जिन्दगी का मतलब हो जाये

जिन्दगी का मतलब हो जाये
शराब की बस, शब हो जाये

इंशानियत की तलब हो जाये
जहां गुलिस्तां ए रब हो जाये

इंशा बने तो, पता न चले
कडवाहट कम कब हो जाये

प्यार आज, अब हो जाये
तम तबादला तब हो जाये

मंजर अजब,गजब हो जाये
प्यास बिन जो लब हो जाये
"प्यास"

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