सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

मन की आशा



मन की आशा

मन की आशा, बिन सही ज्ञान, अंधकार है
सही कोशीशे, सही महनत, देती अधीकार है ... "प्यास"
 


मन की आशा, तेने तो जीवन तराशा
पर अतृप्त प्यास में, तो जीवन तरसा ... "प्यास"


मन की आशा, तेरे हर भाव की उपज पता है
कितने मुर्खो का तेरा, दिवारो दर अता पता है ... "प्यास"


मन की आशा, न भाये प्रीत तमाशा
गजब गडबडाई. खुद की ही परिभाषा... "प्यास"


मन की आशा, तेरा क्या भरोशा
तुने ही, घोर निराशा, को परोसा


मन की आशा, आज मेरा है, जग जागा
कई छूटे, तू भी छूटी, दुर्भाग्य दूर भागा


मन की आशा, प्रीत का न कर विनाश
मानव यू बन जायेगा, नफरतो का दास... "प्यास’


मेरे रंग, रंग जा, मन की आशा
जीवन को तुझ से, यही है आशा


मन की आशा, प्रकट हो ही जाओ
दूर से नहीं, नजदीकी ले, लुभाओ


जीवन में उतर, मन की आशा
दहकते दिमाग को दे दे दिलाशा... "प्यास"


जीवन में उतर आ, मन की आशा
पल पल पनपे है, दुख खासा खासा ... "प्यास"


जीवन में उतर आ, मन की आशा
लटका लट्टू देख, दुख भया है पाशा ... "प्यास"


जीवन में उतर आ, मन की आशा
आशा न बन जाये, निरस, निराशा ... "प्यास"


जीवन में उतर आ, मन की आशा
जीवन को, खुशीयां ना दे दे, झासा  ... "प्यास"


जीवन में उतर आ, मन की आशा
कुछ तो, समझ ले, प्रीत की भाषा... "प्यास"


जीवन में उतर आ, मन की आशा
हर प्यास में रहेगा, अंग अंग प्यासा... "प्यास"


जीवन में उतर आ, मन की आशा
जानदार, जिंदा जिंदा, रहे जिज्ञाशा  ... "प्यास"


मन की आशा, न बन गम की आशा
देख मेरे इश्क पर तो, इंशा तक हसा ... "प्यास"


मन की आशा, मान ही जा
प्रीत से हटा ले, हर हरजा


जब मन की आशा, अवतरित होती है
ना कोई रीतु होती है, ना रीत होती है


मन की आशा, है तेरा भरोसा
प्यास दे दे, रख जीवन प्यासा ... "प्यास"


ओ मन की आशा, उठा प्रीत फरसा
काट फेंक नफरते, अब न तू तरसा


प्यास न बढा, मन की आशा
शायद. मन में, ना रहे आशा... "प्यास"


मन की आशा, देख ले तमाशा
प्यास सोच, जीवन भया प्यासा


मन की आशा, फेंक प्रीत पासा
आत्मा बहुत दिनो से नहीं हसा


मन की आशा, जीवन न तरसा
प्यास ने ही तो है, तुझे तराशा... "प्यास"


आसमां हिला देते है, चांद टांग देते है
प्रित रिझाने, बला का बल मांग लेते है... "प्यास"


ओ मन की आशा, प्रीत ले ले, सामने आ, खुल
आ आ कर कर, साथ साथ घुम घुम, घुल घुल ... "प्यास"


मन की आशा, लाई है, प्रीत की भाषा
प्रियतमा, बस बने रहो, प्रीत परिभाषा


मन की आशा, जो जीने के साथ, मरना गाये
अब जीवन प्रीत, किस बाट, किस ठौर, जाये


मन की आशा, न बढा जिज्ञासा
जन जन, मन मन, दुख तरासा


मन की आशा, न बढा जिज्ञासा
तमतमाता तरसना, बना तमाशा


मन की आशा, दरवाजा तो खोल
जान लेगी क्या, बन के अनमोल... "प्यास"


मन की आशा, तडपाती आशा
जन जन में बढाये है जिज्ञासा
तुझ से तो भली भली निराशा


ये मन की आशा, न तरसा
तुझे बरसे, हुआ एक बरसा


आ मन की आशा, प्रीत अमृत बरसा
जीवन में मरे हूये, हुआ है एक बरसा


मन की आशा, बुला ले, प्रीत भाषा
जीवन बन ही जाये, प्रीत परिभाषा


Arvind Vyas "Pyas"

गुरुवार, 10 मई 2012



बोलो शुभ शुभ, दूर होवे अशुभ
"शुभ कामनायें" सब से बोलोशुभ शुभ जीवन करलो

"शुभ प्रभात" सबसे बोलो, जीवन जीवन, उजाला करलो

’शुभ दुपहरिया" सबसे बोलो, कडी धूप में खुशी से जीलो

"शुभ संध्या" सब से बोलो, यूं निश्चिंत्ता के द्वार खोलो

"शुभ रात्री" सब से बोलो, यूं शांत स्वपनो से नींद भरलो

"शुभ कामनायें" सब से बोलो, यूं शुभ शुभ जीवन करलो